रूबरू
रविवार, 23 फ़रवरी 2014
Dilli Shehar Main (Folk Song) - Full Song, Tera Mera Vaada Official (+pl...
WE MUST PRODUCE THIS KIND OF ROCK TO SPREADS HARYANVI CULTURE ELL ARROUND THE WORLD
गुरुवार, 23 जनवरी 2014
चाणक्य सा कोई विद्वान कहाँ है
चाणक्य सा कोई विद्वान कहाँ है
भामाशाह सा कोई धनवान कहाँ है
बड़े बुजुर्ग की अच्छी भली सुनते थे
सुनने वाले वो कान कहाँ है
हरीश चंदर ने दिया दान में खुद को
दुनिया में अब वो दान कहाँ है
होता था शहीदों का जो मान कभी
शहीदों का अब वो मान कहाँ है
राज की शोभा में गाये थे
कभी कवियों के वो गुणगान कहाँ है
चुकाने में बिक जाती थी जमीं
अंग्रेजो का वो अब लगान कहाँ है
लगा रहता था कभी आना जाना
नामदेव ''तेरे वो मेहमान कहाँ है
#सोमबीरनामदेव
भामाशाह सा कोई धनवान कहाँ है
बड़े बुजुर्ग की अच्छी भली सुनते थे
सुनने वाले वो कान कहाँ है
हरीश चंदर ने दिया दान में खुद को
दुनिया में अब वो दान कहाँ है
होता था शहीदों का जो मान कभी
शहीदों का अब वो मान कहाँ है
राज की शोभा में गाये थे
कभी कवियों के वो गुणगान कहाँ है
चुकाने में बिक जाती थी जमीं
अंग्रेजो का वो अब लगान कहाँ है
लगा रहता था कभी आना जाना
नामदेव ''तेरे वो मेहमान कहाँ है
#सोमबीरनामदेव
कल कैसा भी था सोचता हूँ आज कैसा हो
कल कैसा भी था सोचता हूँ आज कैसा हो
हर जखम को भर सके वो इलाज कैसा हो
दे सके ऊँची सी एक उड़ान जो हौसलों को
सोचता हूँ आखिर वो पंख परवाज कैसा हो
पाल सकु बस सकून से जिन्दगी को यार
मेहनतकश सीधा साधा वो काज कैसा हो
गोली की आवाज से दूर शांति का होबसर
भाई चारे देता पैगाम वो नमाज कैसा हो
सात सुरों की मीठी तान हो जिसमे '''नामदेव '''
एकता की माला पिरोता हुआ साज कैसा हो
@sbsaroya #सोमबीरनामदेव
हर जखम को भर सके वो इलाज कैसा हो
दे सके ऊँची सी एक उड़ान जो हौसलों को
सोचता हूँ आखिर वो पंख परवाज कैसा हो
पाल सकु बस सकून से जिन्दगी को यार
मेहनतकश सीधा साधा वो काज कैसा हो
गोली की आवाज से दूर शांति का होबसर
भाई चारे देता पैगाम वो नमाज कैसा हो
सात सुरों की मीठी तान हो जिसमे '''नामदेव '''
एकता की माला पिरोता हुआ साज कैसा हो
@sbsaroya #सोमबीरनामदेव
माना मुझमें अब वो शराफत नही रही
माना मुझमें अब वो शराफत नही रही
सच बोलने की आप में आदत नहीं रही
भड़क उठते है क्यूँ छोटी छोटी बात पर
सच सुनने की आप में ताकत नही रही
आदमी तो आज भी वही हूँ मैं लेकिन
क्या हुआ जो मेरे पास दौलत नही रही
कभी नाचती तू इन उँगलियों पर मेरी
क्यूँ आज पहले सी मेरी हकूमत नही रही
जिन्दगी गुजार दी तेरे पीछे '' नामदेव ''
क्यूँ दिल में तेरे आज मुहबत नही रही
#सोमबीरनामदेव
सच बोलने की आप में आदत नहीं रही
भड़क उठते है क्यूँ छोटी छोटी बात पर
सच सुनने की आप में ताकत नही रही
आदमी तो आज भी वही हूँ मैं लेकिन
क्या हुआ जो मेरे पास दौलत नही रही
कभी नाचती तू इन उँगलियों पर मेरी
क्यूँ आज पहले सी मेरी हकूमत नही रही
जिन्दगी गुजार दी तेरे पीछे '' नामदेव ''
क्यूँ दिल में तेरे आज मुहबत नही रही
#सोमबीरनामदेव
आपनी लुगाई तै
शराबी आपनी लुगाई तै- “जे इस देस की बागडोर मेरे हाथ मै आ जाए ना मै इस देश की तक़दीर बदल दू..
.
..
..
उसकी लुगाई- “डेढ़ के बिज सबेरे का मेरी सलवार पहरे हांडे सै वा तो बदली ना जांदी तक़दीर बदलेगा तू”
.
..
..
उसकी लुगाई- “डेढ़ के बिज सबेरे का मेरी सलवार पहरे हांडे सै वा तो बदली ना जांदी तक़दीर बदलेगा तू”
यु रूठ कर हमसे वो ना जाते कुछ और बात होती
यु रूठ कर हमसे वो ना जाते कुछ और बात होती
बजाये रूठने के उनको मनाते कुछ और बात होती !
मंद मंद मुस्कुराने से भी तो कुछ नही होने वाला
खिल खिलाके जो हंसते तो कुछ और बात होती !
लहू के छींटो से रोज किये है दामन लाल हमने
प्रेम की बारिश में नहाते तो कुछ और बात होती !
बिछड़ के उनसे जिंदगी गुजारी अंधियरों में हमने
पल के लिए आ जाते साथ तो कुछ और बात होती !
मन की मन में दबाकर रखी बात सदा ''नामदेव ''
हाल ऐ दिल खोल दिखाते तो कुछ और बात होती
सोमबीर '''नामदेव
बजाये रूठने के उनको मनाते कुछ और बात होती !
मंद मंद मुस्कुराने से भी तो कुछ नही होने वाला
खिल खिलाके जो हंसते तो कुछ और बात होती !
लहू के छींटो से रोज किये है दामन लाल हमने
प्रेम की बारिश में नहाते तो कुछ और बात होती !
बिछड़ के उनसे जिंदगी गुजारी अंधियरों में हमने
पल के लिए आ जाते साथ तो कुछ और बात होती !
मन की मन में दबाकर रखी बात सदा ''नामदेव ''
हाल ऐ दिल खोल दिखाते तो कुछ और बात होती
सोमबीर '''नामदेव
रोते हुए को हंसाने वाले बहुत कम है
रोते हुए को हंसाने वाले बहुत कम है
भूले को राह दिखाने वाले बहुत कम हैं !
खुरचते है यहाँ जख्मों को अक्सर लोग
दवा जख्मों पे लगाने वाले बहुत कम है !
ढूंढते है महबूब की ही सूरत सब उसमे
इश्क़ को खुदा बनाने वाले बहुत कम है !
अपनों से रूठ जहनुमं बना ली है दुनिया
छोड़ दे गुस्सा मनाने वाले बहुत कम है !
मक्कारी से भरी पड़ी ये दुनिया ऐ ''नामदेव ''
संभल ले खुद.. समझाने वाले बहुत कम है
सोमबीर ''नामदेव ''
9321283377
भूले को राह दिखाने वाले बहुत कम हैं !
खुरचते है यहाँ जख्मों को अक्सर लोग
दवा जख्मों पे लगाने वाले बहुत कम है !
ढूंढते है महबूब की ही सूरत सब उसमे
इश्क़ को खुदा बनाने वाले बहुत कम है !
अपनों से रूठ जहनुमं बना ली है दुनिया
छोड़ दे गुस्सा मनाने वाले बहुत कम है !
मक्कारी से भरी पड़ी ये दुनिया ऐ ''नामदेव ''
संभल ले खुद.. समझाने वाले बहुत कम है
सोमबीर ''नामदेव ''
9321283377
. जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही
1 . जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही
वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही !
2 . जार की यारी वेश्या का ठिकाणा ठीक नही !
ख़ुशी के टेम पै मातम का गाणा ठीक नही !!
3. बीर नै ज्यादा मुंह के लाणा ठीक नही !
बेटी हो घर की शोभा घणा घुमाणा ठीक नही !!
4 पास के धन तै काम चालज्या तै कर्जा ठाना ठीक नही !
भाईचारे तै रहना चाहिए गाम मैं पाला ठीक नही !!
5 . सुसराड जमाई . बेटी कै बाप और गाम मैं साला ठीक नही !
पछैत मैं बा...रना घर बीच मैं नाला ठीक नही!!
6 . ऐश करण नै माल बिराना ठीक नही
'''' नामदेव ''''कह तिल हो धोले रंग का दाल मैं क़ाला ठीक नही !!
सोमबीर'''नामदेव '''
शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013
न करी दावा तनॆ मेरे दर्द की ना मेरी नब्ज पिछानी!
मरजानी तेरे के हो गया के पी गी बिना छानी
न करी दावा तनॆ मेरे दर्द की ना मेरी नब्ज पिछानी!
कुन सा झूठा बहम आज तू पाल के बैठी सै
कयु दंगल के माह अपन्ना पीढा घाल के बैठी सै !
अपने भीतर का बहम थोडा सा तू बाहर कर लिए
घणा नही थोडा सा तो मेरे पै भी तू ऐतबार कर लिए !
डायेआले '''नामदेव '''का कुछ तू भी ख्याल करले
सारे गिल्ले शिकवयाँ का छाबडा इब तार कै धर ले !
सोमबीर '''नामदेव '''डाये आला
9321283377
न करी दावा तनॆ मेरे दर्द की ना मेरी नब्ज पिछानी!
कुन सा झूठा बहम आज तू पाल के बैठी सै
कयु दंगल के माह अपन्ना पीढा घाल के बैठी सै !
अपने भीतर का बहम थोडा सा तू बाहर कर लिए
घणा नही थोडा सा तो मेरे पै भी तू ऐतबार कर लिए !
डायेआले '''नामदेव '''का कुछ तू भी ख्याल करले
सारे गिल्ले शिकवयाँ का छाबडा इब तार कै धर ले !
सोमबीर '''नामदेव '''डाये आला
9321283377
तेरे जीसियां का भी मन्ने घाटा भी कद था !!
तू नु बता तेरे गेली आन ते मैं नाट्या भी कद था !
आर तू ना आयी तेरे जीसियां का भी मन्ने घाटा भी कद था !!
तू के सोचे दुनिया मैं एक तू ऐ तू बसरी है !
तू ना मिली तो मेरे कोन्सी फसरी है !!
एकला भाजु तेरे पाछे के इसमें के मेरी मजबूरी है !
मेरे बिन तू रह्लेगी ते मेरे कोन्सी जरूरी है !!
रल मिल के नै काम बने ना एक की तान चलै छोरी !
... एकला हाथ नै कोए काम का रल मिल के हाथ धुलै छोरी !!
यो '''डायेवाला '''तनै समझा रह्या से मत खोटी नीयत करे !
छोड़ के प्यार मेरा क्यों बिन आयी मौत मरे !!
सोमबीर '''नामदेव '''
गाँव डाया ... जिला हिस्सार ( हरियाणा )
आर तू ना आयी तेरे जीसियां का भी मन्ने घाटा भी कद था !!
तू के सोचे दुनिया मैं एक तू ऐ तू बसरी है !
तू ना मिली तो मेरे कोन्सी फसरी है !!
एकला भाजु तेरे पाछे के इसमें के मेरी मजबूरी है !
मेरे बिन तू रह्लेगी ते मेरे कोन्सी जरूरी है !!
रल मिल के नै काम बने ना एक की तान चलै छोरी !
... एकला हाथ नै कोए काम का रल मिल के हाथ धुलै छोरी !!
यो '''डायेवाला '''तनै समझा रह्या से मत खोटी नीयत करे !
छोड़ के प्यार मेरा क्यों बिन आयी मौत मरे !!
सोमबीर '''नामदेव '''
गाँव डाया ... जिला हिस्सार ( हरियाणा )
हरदम तेरे गेल लगया रहूँ तू इसी कितनी क सुथरी सै !
हरदम तेरे गेल लगया रहूँ तू इसी कितनी क सुथरी सै !
दिन रात खोया रहू तेरे सुपनेयाँ तू के हुर सुरग ते उतरी सै !!
जा तू बेशक ते छोड़ मनै पर बता तू के चाहवे सै !
इतनी कीमती भी ना से तू जितनी भाव खावे सै !!
जितना दूर तू छोड़ के मन्नै जावेगी !
उसते कई गुना परे मन्नै खड्या आप ते पावेगी !!
प्रेम प्यार ते बावली क्यों दुनिया सर पे उठारी सै
बिन तेरे बता इस ''''डायेआले ''' के कुनसी फांसी आरी सै
sombir naamdev
9321083377
दिन रात खोया रहू तेरे सुपनेयाँ तू के हुर सुरग ते उतरी सै !!
जा तू बेशक ते छोड़ मनै पर बता तू के चाहवे सै !
इतनी कीमती भी ना से तू जितनी भाव खावे सै !!
जितना दूर तू छोड़ के मन्नै जावेगी !
उसते कई गुना परे मन्नै खड्या आप ते पावेगी !!
प्रेम प्यार ते बावली क्यों दुनिया सर पे उठारी सै
बिन तेरे बता इस ''''डायेआले ''' के कुनसी फांसी आरी सै
sombir naamdev
9321083377
जै आशिक के हाथ लिखनी अपनी तकदीर होंदी
जै आशिक के हाथ लिखनी अपनी तकदीर होंदी
ना राँझा कदे पागल होंदा ना कदे बेवफा हीर होंदी !
जै लेखां तै आशिक लड़ सकदे
उस खुद आली खुदाई मैं बड़ सकदे
अपने हाथ तकदीर अपनी घड सकदे
ना लैला तरसती मजनू नै ना मजनू की माडी तकदीर होंदी
जै प्रेमी लड़ सकदे दुनिया आलेयाँ तै
जै लैला लड़ सकदी घर आलेयाँ तै
हर आशिक टकरा जाता जुदा करण आलेयाँ तै
ना किसे साहिबा नै फेर किसे मिरजे के तोड़ना तीर होंदी !
जै होंदा इनके हाथ मैं तो ना प्रेमी दूर कदे होंदा
जिस श्याम नै तरसी राधा ना वो श्याम दूर कदे होंदा
इस प्रेम की मारी मीरा नै ना पीना जहर कदे होंदा
प्रेम धुन में बावरी राधा बैठी कदे उस जमना जी के तीर होंदी
कितने आशिक दुनिया नै जुदा कर दिए
कितने महबूब इसक मैं माशूक नै खुदा कर दिए
कित्नेयाँ नै प्रेम के कर्जे देकर जान अदा कर दिए
ना दर दर खाक छानता ''''डायेआला ''' तू भी ना फ़क़ीर होंदी
लेखक-; सोमबीर ''''नामदेव ''''डायेआला
9321083377
9321283377
ना राँझा कदे पागल होंदा ना कदे बेवफा हीर होंदी !
जै लेखां तै आशिक लड़ सकदे
उस खुद आली खुदाई मैं बड़ सकदे
अपने हाथ तकदीर अपनी घड सकदे
ना लैला तरसती मजनू नै ना मजनू की माडी तकदीर होंदी
जै प्रेमी लड़ सकदे दुनिया आलेयाँ तै
जै लैला लड़ सकदी घर आलेयाँ तै
हर आशिक टकरा जाता जुदा करण आलेयाँ तै
ना किसे साहिबा नै फेर किसे मिरजे के तोड़ना तीर होंदी !
जै होंदा इनके हाथ मैं तो ना प्रेमी दूर कदे होंदा
जिस श्याम नै तरसी राधा ना वो श्याम दूर कदे होंदा
इस प्रेम की मारी मीरा नै ना पीना जहर कदे होंदा
प्रेम धुन में बावरी राधा बैठी कदे उस जमना जी के तीर होंदी
कितने आशिक दुनिया नै जुदा कर दिए
कितने महबूब इसक मैं माशूक नै खुदा कर दिए
कित्नेयाँ नै प्रेम के कर्जे देकर जान अदा कर दिए
ना दर दर खाक छानता ''''डायेआला ''' तू भी ना फ़क़ीर होंदी
लेखक-; सोमबीर ''''नामदेव ''''डायेआला
9321083377
9321283377
क्यों आज फेर तेरी घनी गाढ़ी कमी सी लागे सै
क्यों आज फेर तेरी घनी गाढ़ी कमी सी लागे सै
के होगीआज मेरे तै खता बता दे जो परे परे सी भागे सै!
कड़े गये वे तेरे वादे और इरादे जो सारी हान तू कह्या करती
इक घडी ना दूर बिछड़ के तू मेरे तै एक पल दूर रह्या करती
मन्ने बता दे इब छोरी जी तेरा यो मेरे बिना क्यूकर लागे सै !
आज इसा के होग्या जो तन्ने फूटी आँख सुहाता ना
मेरी हालत देख के बैरन तन्ने क्यूँ रहम मेरे पै आता ना
दरदां आले गोले बता मेरे पै इब क्यूँ और घने तू दागे सै !
सारा खोट मेरा लागे ना यार की करी पिछान मन्ने
बेकदरां के गैल लाग के करली जिन्दगी कति बीरान मन्ने
जिन्दगी बीरान होए पाछे के फायदा जो '''डायेआला '''इब तू जागे सै
sombir ''naamdev''
के होगीआज मेरे तै खता बता दे जो परे परे सी भागे सै!
कड़े गये वे तेरे वादे और इरादे जो सारी हान तू कह्या करती
इक घडी ना दूर बिछड़ के तू मेरे तै एक पल दूर रह्या करती
मन्ने बता दे इब छोरी जी तेरा यो मेरे बिना क्यूकर लागे सै !
आज इसा के होग्या जो तन्ने फूटी आँख सुहाता ना
मेरी हालत देख के बैरन तन्ने क्यूँ रहम मेरे पै आता ना
दरदां आले गोले बता मेरे पै इब क्यूँ और घने तू दागे सै !
सारा खोट मेरा लागे ना यार की करी पिछान मन्ने
बेकदरां के गैल लाग के करली जिन्दगी कति बीरान मन्ने
जिन्दगी बीरान होए पाछे के फायदा जो '''डायेआला '''इब तू जागे सै
sombir ''naamdev''
सोमवार, 18 मार्च 2013
जै आशिक के हाथ लिखनी अपनी तकदीर होंदी
जै आशिक के हाथ लिखनी अपनी तकदीर होंदी
ना राँझा कदे पागल होंदा ना कदे बेवफा हीर होंदी !
जै लेखां तै आशिक लड़ सकदे
उस खुद आली खुदाई मैं बड़ सकदे
अपने हाथ तकदीर अपनी घड सकदे
ना लैला तरसती मजनू नै ना मजनू की माडी तकदीर होंदी
जै प्रेमी लड़ सकदे दुनिया आलेयाँ तै
जै लैला लड़ सकदी घर आलेयाँ तै
हर आशिक टकरा जाता जुदा करण आलेयाँ तै
ना किसे साहिबा नै फेर किसे मिरजे के तोड़ना तीर होंदी !
जै होंदा इनके हाथ मैं तो ना प्रेमी दूर कदे होंदा
जिस श्याम नै तरसी राधा ना वो श्याम दूर कदे होंदा
इस प्रेम की मारी मीरा नै ना पीना जहर कदे होंदा
प्रेम धुन में बावरी राधा बैठी कदे उस जमना जी के तीर होंदी
कितने आशिक दुनिया नै जुदा कर दिए
कितने महबूब इसक मैं माशूक नै खुदा कर दिए
कित्नेयाँ नै प्रेम के कर्जे देकर जान अदा कर दिए
ना दर दर खाक छानता ''''डायेआला ''' तू भी ना फ़क़ीर होंदी
लेखक-; सोमबीर ''''नामदेव ''''डायेआला
मतना छेड़े यार मेरे
तू के जाने आग मैं दिल मैं कोण दबाये बैठ्या सु
मतना छेड़े यार मेरे चोट मैं दिल पे खाए बैठ्या सु
नामदेव
वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही !
1 . जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही
वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही !
2 . जार की यारी वेश्या का ठिकाणा ठीक नही !
ख़ुशी के टेम पै मातम का गाणा ठीक नही !!
3. बीर नै ज्यादा मुंह के लाणा ठीक नही !
बेटी हो घर की शोभा घणा घुमाणा ठीक नही !!
4 पास के धन तै काम चालज्या तै कर्जा ठाना ठीक नही !
भाईचारे तै रहना चाहिए गाम मैं पाला ठीक नही !!
5 . सुसराड जमाई . बेटी कै बाप और गाम मैं साला ठीक नही !
पछैत मैं बा...रना घर बीच मैंनाला ठीक नही!!
6 . ऐश करण नै माल बिराना ठीक नही
'''' नामदेव ''''कह तिल हो धोले रंग का दाल मैं क़ाला ठीक नही !!
पर किसी गरीब नै सताना ठीक नही !
जै दान पुन नही करया जा तै कोए बात ना
पर किसी गरीब नै सताना ठीक नही !
सयाना बालक का ठाली बिठाना ना चाहिए
और याणे नै काम कै लाना ठीक नही !
गाना हो सुरताल का भाइयो बढ़िया राग नै
बिना ताल और बेसुरा गाना ठीक नही !
भाई की हो जै आब शिखर पै
भाई नै भुलाना ठीक नही !
बीर मर्द मै मेल का रहना बहूत जरूरी हो सै
बीर नै हद तै ज्यादा मुंह कै लाना ठीक नही !
वकील नै ज्यादा भेद बताना ना चाहिये
डाक्टर तै मर्ज छुपाना ठीक नही !
नामदेव सब उपर उठना चाहवे साईं दुनिया मैं
खुद उपर उठन खातिर तरले नै दबाना ठीक नही
'''' सोमबीर नामदेव ''''
रविवार, 20 जनवरी 2013
किस कदर छाया है मुझपे ये
किस कदर
छाया है मुझपे ये
खुमार दीदार का ///
हाल कैसा है
इश्क में बीमार
मेरे यार का / //
नामदेव
छाया है मुझपे ये
खुमार दीदार का ///
हाल कैसा है
इश्क में बीमार
मेरे यार का / //
नामदेव
हरदम तेरे गेल लगया रहूँ तू इसी कितनी क सुथरी सै !
हरदम तेरे गेल लगया रहूँ तू इसी कितनी क सुथरी सै !
दिन रात खोया रहू तेरे सुपनेयाँ तू के हुर सुरग ते उतरी सै !!
जा तू बेशक ते छोड़ मनै पर बता तू के चाहवे सै !
इतनी कीमती भी ना से तू जितनी भाव खावे सै !!
जितना दूर तू छोड़ के मन्नै जावेगी !
उसते कई गुना परे मन्नै खड्या आप ते पावेगी !!
प्रेम प्यार ते बावली क्यों दुनिया सर पे उठारी सै
बिन तेरे बता इस ''''डायेआले ''' के कुनसी फांसी आरी सै
sombir naamdev
9321083377
दिन रात खोया रहू तेरे सुपनेयाँ तू के हुर सुरग ते उतरी सै !!
जा तू बेशक ते छोड़ मनै पर बता तू के चाहवे सै !
इतनी कीमती भी ना से तू जितनी भाव खावे सै !!
जितना दूर तू छोड़ के मन्नै जावेगी !
उसते कई गुना परे मन्नै खड्या आप ते पावेगी !!
प्रेम प्यार ते बावली क्यों दुनिया सर पे उठारी सै
बिन तेरे बता इस ''''डायेआले ''' के कुनसी फांसी आरी सै
sombir naamdev
9321083377
संत नामदेव का जन्म सन १२६९ (संवत १३२७) में
महाराष्ट्र के सतारा जिले में कृष्णा नदी के किनारे बसे नरसीबामणी नामक
गाँव में एक दर्जी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दामाशेटी और माता
का नाम गोणाई देवी था। इनका परिवार भगवान विट्ठल का परम भक्त
था। नामदेव का विवाह राधाबाई के साथ हुआ था और इनके पुत्र का नाम नारायण
था। संत नामदेव ने विसोबा खेचर को गुरु के रूप में स्वीकार किया था। ये संत
ज्ञानेश्वर के समकालीन थे और उम्र में उनसे ५ साल बड़े थे। संत नामदेव,
संत ज्ञानेश्वर के साथ पूरे महाराष्ट्र का भ्रमण किए, भक्ति-गीत रचे और
जनता जनार्दन को समता और प्रभु-भक्ति का पाठ पढ़ाया। संत ज्ञानेश्वर के
परलोकगमन के बाद इन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया। इन्होंने मराठी के साथ
ही साथ हिन्दी में भी रचनाएँ लिखीं। इन्होंने अठारह वर्षो तक पंजाब में
भगवन्नाम का प्रचार किया। अभी भी इनकी कुछ रचनाएँ सिक्खों की धार्मिक
पुस्तकों में मिलती हैं। मुखबानी नामक पुस्तक में इनकी रचनाएँ संग्रहित
हैं। आज भी इनके रचित गीत पूरे महाराष्ट्र में भक्ति और प्रेम के साथ गाए
जाते हैं। ये संवत १४०७ में समाधि में लीन हो गए।...
बात पते की मैं आज बोल के रहूँगा ..
बात पते की मैं आज बोल के रहूँगा ..
ना मानु आज कालजा छोल के रहूंगा
क्यू माँ का मान रह्या ना
क्यू बाप का मानै कह्या ना
ना रहूँ अनबोल बोल के रहूँगा !
क्यू भाई चारा रह्या ना
क्यू जाता बोल सह्या ना
सही तराजू तौल के रहूँगा !
क्यू यारां बरगा यार ना रह्या
क्यू कोए दुःख बिगाने का साथी ना रह्या
भीतरले नै आज टटोल के रहूंगा !
क्यू पहले बरगा पंचाती ना रह्या
क्यू गरीब का कोई हिमाती ना रह्या
भेद सारे दिल के "नामदेव 'तै खोल के कहुंगा !
लेखक = सोमबीर सिंह सरोया
गाँव डाया जिला हिस्सार ( हरियाणा )
मोबाइल नंबर :-9321083377
ना मानु आज कालजा छोल के रहूंगा
क्यू माँ का मान रह्या ना
क्यू बाप का मानै कह्या ना
ना रहूँ अनबोल बोल के रहूँगा !
क्यू भाई चारा रह्या ना
क्यू जाता बोल सह्या ना
सही तराजू तौल के रहूँगा !
क्यू यारां बरगा यार ना रह्या
क्यू कोए दुःख बिगाने का साथी ना रह्या
भीतरले नै आज टटोल के रहूंगा !
क्यू पहले बरगा पंचाती ना रह्या
क्यू गरीब का कोई हिमाती ना रह्या
भेद सारे दिल के "नामदेव 'तै खोल के कहुंगा !
लेखक = सोमबीर सिंह सरोया
गाँव डाया जिला हिस्सार ( हरियाणा )
मोबाइल नंबर :-9321083377
भाइयो जब एक फौजी अपनी नयी नवेली ब्याहता को घर पर छोड़ कर बोर्डर पर लडाई के लिए जाता है ,
उन दोनों में क्या संवाद होते उसको महसूस करने और लिखने कोशिश की है !
अगर कोई गलती रह जाये तो अपना भाई अपना बच्चा समझ कर माफ़ कर दें !
क्यूंकि इस मौके तो बहूत बड़े बड़े हरयाणा के कवियों ने कलम चलाई है,
मैं तो उनके आगे कुछ भी नहीं हूँ !
फौजी -" आया बुलावा मेरा गोरी मैं बोर्डर उपर चाल पड्या ,
फौजन-" क्यूकर तै मैं रंहू एकली न्यू सौच कालजा हाल पड्या !
फौजी -" गोरी बोडर उपर छिडरी जंग मेरा जाना बहूत जरूरी सै
अपने इस देश की रक्षा खातिर करनी मने पड़े हजूरी सै ,
तेरे बिना या गोंरी जिन्दगी मेरी अधूरी सै
जाण की सुनके गोंरी आज मेरे कालजे के माह साल पड्या !
फौजन-" काली लम्बी रात पिया मन्ने पड़े बैठके काटनी .
दिनरात पिया तेरे सुपने देखे जासे तेरी जाटनी .
आर मद जोबन की झाल पिया मुश्किल पड़े डाटनी .
किस्ती कहूँ दिल अपने की तू तै छोड़ एकली चाल पड्या !
फौजी -" दिल अपने नै समझाके गोरी मन अपने नै मार लिए .
देश की रक्षा करनी मने तू मेरे बिना ए सार लिए .
करड़ी छाती करके नै मन्ने जाणे नै कर तयार दिए .
देश की सेवा खातिर फौजी करके होग्या ख्याल खडया !
फौजन-" जा बोर्डर उपर मेरे पिया तू दुश्मन तै भीड़ जाइये .
जान चली बेशक तै ना उलटा कदम हटाइए .
'' सोमबीर नामदेव ''तू जिन्दगी अपनी नाम देश के लिख जाइये
(singer name ) भी इब बोर्डर उपर जाणे नै होके त्यार खड्या !
सोमबीर सिंह सरोया "नामदेव "
गाँव डाया जिला हिस्सार हरियाणा
उन दोनों में क्या संवाद होते उसको महसूस करने और लिखने कोशिश की है !
अगर कोई गलती रह जाये तो अपना भाई अपना बच्चा समझ कर माफ़ कर दें !
क्यूंकि इस मौके तो बहूत बड़े बड़े हरयाणा के कवियों ने कलम चलाई है,
मैं तो उनके आगे कुछ भी नहीं हूँ !
फौजी -" आया बुलावा मेरा गोरी मैं बोर्डर उपर चाल पड्या ,
फौजन-" क्यूकर तै मैं रंहू एकली न्यू सौच कालजा हाल पड्या !
फौजी -" गोरी बोडर उपर छिडरी जंग मेरा जाना बहूत जरूरी सै
अपने इस देश की रक्षा खातिर करनी मने पड़े हजूरी सै ,
तेरे बिना या गोंरी जिन्दगी मेरी अधूरी सै
जाण की सुनके गोंरी आज मेरे कालजे के माह साल पड्या !
फौजन-" काली लम्बी रात पिया मन्ने पड़े बैठके काटनी .
दिनरात पिया तेरे सुपने देखे जासे तेरी जाटनी .
आर मद जोबन की झाल पिया मुश्किल पड़े डाटनी .
किस्ती कहूँ दिल अपने की तू तै छोड़ एकली चाल पड्या !
फौजी -" दिल अपने नै समझाके गोरी मन अपने नै मार लिए .
देश की रक्षा करनी मने तू मेरे बिना ए सार लिए .
करड़ी छाती करके नै मन्ने जाणे नै कर तयार दिए .
देश की सेवा खातिर फौजी करके होग्या ख्याल खडया !
फौजन-" जा बोर्डर उपर मेरे पिया तू दुश्मन तै भीड़ जाइये .
जान चली बेशक तै ना उलटा कदम हटाइए .
'' सोमबीर नामदेव ''तू जिन्दगी अपनी नाम देश के लिख जाइये
(singer name ) भी इब बोर्डर उपर जाणे नै होके त्यार खड्या !
सोमबीर सिंह सरोया "नामदेव "
गाँव डाया जिला हिस्सार हरियाणा
कुणसा दुनिया मंह तूफान आज्यागा !
छोड़ के तू जै चाली जागी
कुणसा दुनिया मंह तूफान आज्यागा !
एक दुनिया मंह तू ऐ ना सै
दिल मैं नया मेहमान आज्यागा !
इस रूप हसन नै सदा ना रहना तेरे पास
देख लिए एक दिन काल खाज्यागा!
मेरे बिना ना होवे धरती ख़ाली
तन्ने भी कोए और पाज्यागा !
तन्ने ले डुबैगा मान हुसन का .
गरूर जवानी आला मन्नै भी खाज्यागा !
कह नामदेव जै समझ के चालें दोनु
दोनूँआँ नै एक दूजे का प्यार थ्याज्यागा !
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव डाया जिला हिसार ( हरियाणा )
मोब नो 9321083377
date २९/०८/२०१२
कुणसा दुनिया मंह तूफान आज्यागा !
एक दुनिया मंह तू ऐ ना सै
दिल मैं नया मेहमान आज्यागा !
इस रूप हसन नै सदा ना रहना तेरे पास
देख लिए एक दिन काल खाज्यागा!
मेरे बिना ना होवे धरती ख़ाली
तन्ने भी कोए और पाज्यागा !
तन्ने ले डुबैगा मान हुसन का .
गरूर जवानी आला मन्नै भी खाज्यागा !
कह नामदेव जै समझ के चालें दोनु
दोनूँआँ नै एक दूजे का प्यार थ्याज्यागा !
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव डाया जिला हिसार ( हरियाणा )
मोब नो 9321083377
date २९/०८/२०१२
और किसे का खोट नहीं यो सारा जमाना ऐ तो खोटा सै !
और किसे का खोट नहीं यो सारा जमाना ऐ तो खोटा सै !
तन्नै रांझे और मिल ज्यांगे तो मन्नै के हीरां का टोटा सै !!
जै आछी ढाल निभावेगी तो तेरी गैल खड्या पाउंगा
सुख दुःख के मंह हरदम तेरी आगे अडया पाउंगा
जै तू आडी आडी चालैगी तो मेरे के फहरी सै
अपनी कसर काढ लिए जो तेरे बाकी मन में रहरी सै
ना बस की बात तेरे यो दिल ऐ तेरा छोटा सै !!
कर कान उरे नै आ तन्नै याद करा द्यूं
पाछले बखत नै ल्याके आगे आज धरा द्यूं
तेरे बोले होए बोल तन्ने हटके याद करा द्यूं
के बीत रही सै मेरे पै तन्नै खोल के आज बता द्यूं
तन्नै बता द्यूं कोंसी आग मैं आज तू मेरे टी झोक्या सै !!
कदे ना कदे कोए तन्नै भी तेरे जिसा थ्या ज्यागा
ओराँ नै दुःख देवन आली तन्नै कित तै सुख पा ज्यागा
इतने दुःख दे ज्यागा कोए दिन पछले याद करा ज्यागा
मेरे जान का गम तन्नै भीतर ऐ भीतर खा ज्यागा
तू के जाने सर मेरे पै गम का कौन भरोटा सै !!
जै कदे आज्या याद तो '' डाया '' के मांह आ जाइये
किसे गरीब की गरीबी का ना फायदा और उठाइए
जिसकी गैल चाल पड़ी तू बढ़िया ढाल निभाइए
सच्ची खोल बता दिए ना सुपने और दिखाइए
इतना सा बस जबर''' नामदेव '' का ,ना इसते ज्यादा पोटा सै !!
सोमबीर ''''नाम देव ''''
तन्नै रांझे और मिल ज्यांगे तो मन्नै के हीरां का टोटा सै !!
जै आछी ढाल निभावेगी तो तेरी गैल खड्या पाउंगा
सुख दुःख के मंह हरदम तेरी आगे अडया पाउंगा
जै तू आडी आडी चालैगी तो मेरे के फहरी सै
अपनी कसर काढ लिए जो तेरे बाकी मन में रहरी सै
ना बस की बात तेरे यो दिल ऐ तेरा छोटा सै !!
कर कान उरे नै आ तन्नै याद करा द्यूं
पाछले बखत नै ल्याके आगे आज धरा द्यूं
तेरे बोले होए बोल तन्ने हटके याद करा द्यूं
के बीत रही सै मेरे पै तन्नै खोल के आज बता द्यूं
तन्नै बता द्यूं कोंसी आग मैं आज तू मेरे टी झोक्या सै !!
कदे ना कदे कोए तन्नै भी तेरे जिसा थ्या ज्यागा
ओराँ नै दुःख देवन आली तन्नै कित तै सुख पा ज्यागा
इतने दुःख दे ज्यागा कोए दिन पछले याद करा ज्यागा
मेरे जान का गम तन्नै भीतर ऐ भीतर खा ज्यागा
तू के जाने सर मेरे पै गम का कौन भरोटा सै !!
जै कदे आज्या याद तो '' डाया '' के मांह आ जाइये
किसे गरीब की गरीबी का ना फायदा और उठाइए
जिसकी गैल चाल पड़ी तू बढ़िया ढाल निभाइए
सच्ची खोल बता दिए ना सुपने और दिखाइए
इतना सा बस जबर''' नामदेव '' का ,ना इसते ज्यादा पोटा सै !!
सोमबीर ''''नाम देव ''''
शनिवार, 20 अक्तूबर 2012
बस राहन दे दरदां नै क्यूँ और उखाड़े सै ,
बस राहन दे दरदां नै क्यूँ और उखाड़े सै ,
जुदाई आली आग मैं क्यूँ फेर तै साडे सै
...
किम्मे याद कर मरजानी तू मेरी बफावाँ नै
क्यूकर बिसार मैं द्यूं तेरी जफावाँ नै
मेरे प्यार आली ठंडी गरम हवावां नै
पड़ी राहन दे पड़ी दबी किताबां नै क्यूँ धुल नै झाडे सै !
हो ली सै हद भतेरी एतबार और के होवे सै
एक दिन मैं भी रोया था आज क्यों पड़ के पाहयाँ रोवै सै
सब कुछ अपने हाथ खो के मन्ने कित टोहवे सै
जिस की गैल चली गयी थी क्यों उसकी राह मैं कांटे बोवे सै
जिसके जी जो आव वो कहके आज चालज्या
नहीं जखम की कोई दावा ज्यू फोड़े मे खाज चाल्ज्या
काढ के ख्याल दिल तै मेरा घर अपने आज चाल्ज्या
मन्ने मरे होए नै तू क्यूँ आके ज्यादा और सतावे सै !
तू तै बेशक भूल बिसरगी पर मैं ना भूल पाया
सपनेया आली सेज मैं आज तक मै ना झूल पाया
तेरे प्यार आले नशे मैं ना कड़े आज तलक टूल पाया
सँभाल के धरे हुए ख़त ''''नामदेव ''' आज क्यूँ अपने हाथां तै फाड़े सै
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव ...डाया
जिला .....हिस्सार ( हरियाणा )
मोब न .,,, 9321083377
किम्मे याद कर मरजानी तू मेरी बफावाँ नै
क्यूकर बिसार मैं द्यूं तेरी जफावाँ नै
मेरे प्यार आली ठंडी गरम हवावां नै
पड़ी राहन दे पड़ी दबी किताबां नै क्यूँ धुल नै झाडे सै !
हो ली सै हद भतेरी एतबार और के होवे सै
एक दिन मैं भी रोया था आज क्यों पड़ के पाहयाँ रोवै सै
सब कुछ अपने हाथ खो के मन्ने कित टोहवे सै
जिस की गैल चली गयी थी क्यों उसकी राह मैं कांटे बोवे सै
जिसके जी जो आव वो कहके आज चालज्या
नहीं जखम की कोई दावा ज्यू फोड़े मे खाज चाल्ज्या
काढ के ख्याल दिल तै मेरा घर अपने आज चाल्ज्या
मन्ने मरे होए नै तू क्यूँ आके ज्यादा और सतावे सै !
तू तै बेशक भूल बिसरगी पर मैं ना भूल पाया
सपनेया आली सेज मैं आज तक मै ना झूल पाया
तेरे प्यार आले नशे मैं ना कड़े आज तलक टूल पाया
सँभाल के धरे हुए ख़त ''''नामदेव ''' आज क्यूँ अपने हाथां तै फाड़े सै
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव ...डाया
जिला .....हिस्सार ( हरियाणा )
मोब न .,,, 9321083377
गुरुवार, 2 अगस्त 2012
मेरी मजबूरी कौन देखेगा
खुदगर्जी तो देख ली सबने मेरी मजबूरी कौन देखेगा
जिसको मौका मिलेगा दो रोटी पहले अपनी सकेगा !
तुझे क्या मालूम काम कैसे चल रहा है
मरता क्यों मैं नहीं देख के जमाना जल रहा है
पी कर के जहर आंसू का कैसे हंसी ही उगल रहा है
मिलन दो दिन का देख लिया सबने सदियों लम्बी दूरी कौन देखेगा !
आस का दामन थाम के ......हम तो तेरी आस लेके बैठे है
जाने कब बंद हो जाये क्या मालूम .......बाकि चंद सांसे ले के बैठे है
जिसको मौका मिलेगा दो रोटी पहले अपनी सकेगा !
तुझे क्या मालूम काम कैसे चल रहा है
मरता क्यों मैं नहीं देख के जमाना जल रहा है
पी कर के जहर आंसू का कैसे हंसी ही उगल रहा है
मिलन दो दिन का देख लिया सबने सदियों लम्बी दूरी कौन देखेगा !
आस का दामन थाम के ......हम तो तेरी आस लेके बैठे है
जाने कब बंद हो जाये क्या मालूम .......बाकि चंद सांसे ले के बैठे है
खुली रख के भी आँखे अपनी पलकों में सपने तुम्हारे देखे है
'' नामदेव ''बस यु हीं रुके है के बाद हमारे कौन राह तुम्हारी देखेगा
लेखक --सोमबीर सिंह सरोया
मोब नंबर 9321083377
'' नामदेव ''बस यु हीं रुके है के बाद हमारे कौन राह तुम्हारी देखेगा
लेखक --सोमबीर सिंह सरोया
मोब नंबर 9321083377
गुरुवार, 19 जुलाई 2012
हर तस्वीर कुछ कहती है ...: आज का मीडिया
हर तस्वीर कुछ कहती है ...: आज का मीडिया: यह है हमारे आज की मीडिया की सच्चाई ...
सोमवार, 16 जुलाई 2012
कोई बनिया पिटता होगा !!
जाट ने बनिया से उधार ले रखा था । काफी समय हो गया, बनिया ने दबाव देना
शुरु किया । जाट ने कह दिया कि कल मेरे घर आ कर पूरा पैसा ब्याज समेत ले
जाना ।
बनिया खुश हो कर अगले दिन सुबह जा पहुंचा जाट के घर । जाट ने सेठ को घर के अन्दर बुला लिया और बाहर खिड़की से किसी को इशारा किया । पहले ही ढ़ोल बजाने वाले बुला रखे थे, वे इशारा पाते ही ढोल बजाने लगे और जाट ने सेठ की पिटाई शुरू कर दी । पिट-पिटा कर सेठ ने कहा - "चौधरी साहब, मेरे पैसे समझो कि आ गए, पर मेरी पिटाई की बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बेइज्जती हो ज्यागी ।" जाट मान गया ।
कुछ दिन बाद जाट के पड़ौसे में किसी की शादी थी और ढोल बज रहे थे । बनिया के लड़के ने पूछा - बापू, किसका ब्याह सै "
बनिया बोल्या - बेटा, किस्सै का ब्याह कोनी, कोई बनिया पिटता होगा !!
बनिया खुश हो कर अगले दिन सुबह जा पहुंचा जाट के घर । जाट ने सेठ को घर के अन्दर बुला लिया और बाहर खिड़की से किसी को इशारा किया । पहले ही ढ़ोल बजाने वाले बुला रखे थे, वे इशारा पाते ही ढोल बजाने लगे और जाट ने सेठ की पिटाई शुरू कर दी । पिट-पिटा कर सेठ ने कहा - "चौधरी साहब, मेरे पैसे समझो कि आ गए, पर मेरी पिटाई की बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बेइज्जती हो ज्यागी ।" जाट मान गया ।
कुछ दिन बाद जाट के पड़ौसे में किसी की शादी थी और ढोल बज रहे थे । बनिया के लड़के ने पूछा - बापू, किसका ब्याह सै "
बनिया बोल्या - बेटा, किस्सै का ब्याह कोनी, कोई बनिया पिटता होगा !!
एक बार जंगल के सारे चूहे भाग रहे
एक बार जंगल के सारे चूहे भाग रहे थे, बन्दर ने पूछा की भाई क्या बात है
क्यों भाग रहे हो, चूहे ने कहाँ की बस पूछो मत, आफत आ गयी है, जान बचानी
मुश्किल हो गयी है .बन्दर ने कहा ऐसा भी क्या हो गया , चूहा बोल्या भाई शेर
के बहन को कोई छेड़ के भाज्ग्या अर महारा नाम आ रह्या से
के लिखू र के लिखू
के लिखू र के लिखू दहिया कुछ समझ में नहीं आरया से ,
मरे-बटे इन कोपी पेस्ट आला ने बी काम कसूता पारया से ,
लाईक, कमेन्ट ये करे नहीं और मार के कोपी रोब जमावे ,
लिखु के ? मैं पड़या खेत में कोए मेरी रोटी बी नहीं ल्यारया से ,
कोए कहवे लठ गाड दिया दहिया कोए कहवे मजा नहीं आया ,
थाम घ प्ता लिश अपडेट दिन में मांगो और बाबु मेरा लठ ठारया से,
इब कान खोल के सुण लो सारे जादा बोलन का काम नहीं से ,
... कुछ लिख्या करो थाम बी अपना नहीं दहिया अपना काम चलारया से [;)] [;)] by amit dahiya
मरे-बटे इन कोपी पेस्ट आला ने बी काम कसूता पारया से ,
लाईक, कमेन्ट ये करे नहीं और मार के कोपी रोब जमावे ,
लिखु के ? मैं पड़या खेत में कोए मेरी रोटी बी नहीं ल्यारया से ,
कोए कहवे लठ गाड दिया दहिया कोए कहवे मजा नहीं आया ,
थाम घ प्ता लिश अपडेट दिन में मांगो और बाबु मेरा लठ ठारया से,
इब कान खोल के सुण लो सारे जादा बोलन का काम नहीं से ,
... कुछ लिख्या करो थाम बी अपना नहीं दहिया अपना काम चलारया से [;)] [;)] by amit dahiya
अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
खो न जाऊं यादों में उनकी ए दिल जरा संभाल मुझे
दिखने लगा है उनका ही चेहरा अब रात दिन ,
न आये चैन जरा इक पल भी उनके बिन
ख्यालों से उनके जरा बाहर निकाल मुझे !
मुझको दीवाना ना बनादे कहीं सादगी उनकी
होश ना उड़ा दे कहीं ये बानगी उनकी
सपनो में आक़र भी वो रातों को कर देते है बेहाल मुझे !
हसरत ए दीदार अगर यु बढती ही जाएगी
खुमारी सी दिल में जो चढ़ती ही जाएगी
इक दिन ये दीवानगी कर देगी कंगाल मुझे !
ना ले इन्तिहाँ मेरा की मेरा सपनों का कतल हो जाये
तेरे इन्तजार में सुखा हुआ खेत ,मेरे दिल की फ़सल हो जाये
कहीं इन्तजार करते करते '' नामदेव्'' इरादा बदल हो जाये !
sombirnaamdev@gmail.com
9321083377
खो न जाऊं यादों में उनकी ए दिल जरा संभाल मुझे
दिखने लगा है उनका ही चेहरा अब रात दिन ,
न आये चैन जरा इक पल भी उनके बिन
ख्यालों से उनके जरा बाहर निकाल मुझे !
मुझको दीवाना ना बनादे कहीं सादगी उनकी
होश ना उड़ा दे कहीं ये बानगी उनकी
सपनो में आक़र भी वो रातों को कर देते है बेहाल मुझे !
हसरत ए दीदार अगर यु बढती ही जाएगी
खुमारी सी दिल में जो चढ़ती ही जाएगी
इक दिन ये दीवानगी कर देगी कंगाल मुझे !
ना ले इन्तिहाँ मेरा की मेरा सपनों का कतल हो जाये
तेरे इन्तजार में सुखा हुआ खेत ,मेरे दिल की फ़सल हो जाये
कहीं इन्तजार करते करते '' नामदेव्'' इरादा बदल हो जाये !
sombirnaamdev@gmail.com
9321083377
शुक्रवार, 13 जुलाई 2012
My Dear,With Due Respect I Would Like To Say That
देशी छोरा एक शहरी लड़की से " फ़ोन नंबर देवे सै के? "
लड़की "तमीज़ से बात करो "
छोरा " My Dear,With Due Respect I Would Like To Say That फ़ोन नंबर देवे सै के ?"
लड़की "तमीज़ से बात करो "
छोरा " My Dear,With Due Respect I Would Like To Say That फ़ोन नंबर देवे सै के ?"
के बेरा था
के बेरा था जिन्दगी मन्ने इसे मोड़ पै ले ज्यागी ,
जी तै ज्यादा चाहय था जिसने इक दिन धोखा दे ज्यागी !
जी तै ज्यादा चाहय था जिसने इक दिन धोखा दे ज्यागी !
काळू अर भूंडू नै
काळू अर भूंडू नै घणी दारू पी राखी थी । रात नै साईकल पै बैठ कै कच्चे
रास्ते तैं घरां जावैं थे । काळू साईकल चलावै था अर भूंडू पाछै बैठ्या था ।
भूंडू रास्ते मैं लुढ़क ग्या । काळू नै कोए ध्यान नहीं, मस्ती में झूमता घरां पहुंच्या अर बोल्या - ले भाई उतर, घर आ-ग्या ।
जब पाच्छे तैं कोए जवाब नहीं आया, तै काळू का नशा कुछ ढीला हुया, साईकल ठा कै उल्टा भाज लिया । राह में देख्या - भूंडू मस्ती में चूर राही में लोट रहया था । काळू उसनै देख कै बोल्या - आंह रै, ठीक सै ?
काळू नै जवाब दिया - "मैं ठीक बैठ्या सूँ, तू साईकल चलाता रह !"
भूंडू रास्ते मैं लुढ़क ग्या । काळू नै कोए ध्यान नहीं, मस्ती में झूमता घरां पहुंच्या अर बोल्या - ले भाई उतर, घर आ-ग्या ।
जब पाच्छे तैं कोए जवाब नहीं आया, तै काळू का नशा कुछ ढीला हुया, साईकल ठा कै उल्टा भाज लिया । राह में देख्या - भूंडू मस्ती में चूर राही में लोट रहया था । काळू उसनै देख कै बोल्या - आंह रै, ठीक सै ?
काळू नै जवाब दिया - "मैं ठीक बैठ्या सूँ, तू साईकल चलाता रह !"
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